ज़िन्दगी से उधार ज़िन्दगी ली है मैंने ज़िन्दगी की कहानी ज़िन्दगी को सुना ने के लिये अब तो बेज़ार हुए है ज़िन्दगी भी सुन कर दर्द भारी मेरी ज़िन्दगी की कहानी बता ऐ ज़िन्दगी कहा जाऊ मै
खाता हुई है गर तो सजा दे तू मुंहे
मगर रोक ले अब मेरी आँखों का पानी
की थक गई हु मै खुद को तुझससे बचाते बचाते
बता ना ऐ ज़िन्दगी
क्या लिखा हुआ है मेरे नाज़ीब मे

-Nikhat درد بیان کرتی ہو

Urdu Quotes by Nikhat درد بیان کرتی ہو : 111828142
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now