मैं और मेरे अह्सास
दिल भी वतन है जान भी वतन है l
देश प्रेमी के लिए वतन ही सनम है ll
हसके कुर्बान करनेवाली माँ के l
शहीदों की याद में आंख नम है ll
जान लूटा देगे इज्जत की ख़ातिर l
बुरी नज़र भी करे, किसमें दम है ll
कभी तिरंगा झुकने न देगे, सम्मान से l
हिफाज़त करेगें जो वतन का धन है ll
गुलज़ार हरा भरा छोड़ गये हैं उनको l
कोटि कोटि वंदन है जो आज अदम है l
जय हिंद🙏🇮🇳
१४-८-२०२२ अदम- परलोक
सखी दर्शिता बाबूभाई शाह