राखी के दो धागों में
भाई बहन का प्यार बसा है राखी के दो धागों में ।
आशीषों का उपहार बसा है राखी के दो धागों में।
भाई भाभी को टीका कर बांधें राखी,
कमी न खलती हो बाबा और मां की ।
जोडी बनी रहे बहन ये दुआ माँगती ।
घर की खुशियों की सौगात चाहती।
रिश्तों का संसार बसा है बस राखी के दो धागों में।
आशीषों का उपहार बसा है राखी के दो धागों में ।
अब बहनें सब हैं अपने घर ,
मिल न पाते रक्षाबंधन पर।
चिठ्ठी से उनको जाती राखी,
भाभी से कहना लिखे वो पाती।
यादों का अंबार बसा है राखी के दो धागों में।
भाई बहन का प्यार बसा है राखी के दो धागों में ।
आशीषों का उपहार बसा है राखी के दो धागों में।
डॉअमृता शुक्ला
#Rakshabandhan