विषय - बारिश की बूंदे
दिनांक -02/08/2022
रिमझिम रिमझिम बारिश आई,
मन मयूर हो नाच रहा है।
देखकर बारिश की बूंदों को,
मन भीगने के लिए भाग रहा है।।
बारिश के इस मौसम में देखो,
चारों तरफ ही हरियाली छाई है।
नदी, तालाब, नहरे लबालब भरे हैं,
यह ऋतु आंखों के लिए होती सुखदाई है।।
कल कल करती ये नदियां सारी,
अपना ही संगीत सुना रहा है।
झरनों का मनमोहक दृश्य भी,
अपने ही ध्वनि में गा रहा है।।
अपने आप में ही मदमस्त होकर,
इस बारिश में अपने को भिगोना है।
तन पर गिरती हुई बूंदों से,
मन से उसमें अब खोना है।।
पहली बारिश की बूंदों के साथ,
अपनी सखियों संग झूला झूलेंगे।
हंसी ठिठोली और खुशियों के साथ,
बारिश के पानी में झमाझम झूमेंगे।।
किरन झा मिश्री
ग्वालियर मध्य प्रदेश
-किरन झा मिश्री