तेरे आने की जब..........................
बात इंसान की नहीं, भगवान् की करते है,
आम की नहीं, बेहद खास की करते है,
इस जहान से उस जहान तक,
सब पर उसी का पहरा है,
नज़र है उसकी हम सब पर,
हर चेहरे पर उसका ही अक्स ठहरा है...............
ना जाने वो कब आएगा हम से मिलने,
आँखें भी थक गई राह तकते -तकते,
पूछों तो जवाब नहीं देता,
ज़िद्द करो तो मुस्कुरा देता है,
जानता है उसकी मुस्कान देख कर,
भूल जाएंगे हम सब कुछ,
हर बार यही पैतरा आज़मा कर,
वो चकमा दे जाता है................
अभी तो ना बात हुई, ना मुलाकात हुई,
ना मेरे इंतज़ार की शाम हुई,
क्या होगा जिस दिन उसके आने की खबर मिलेगी,
दुनिया हिल जाएगी मेरी,
जब उस पर नज़र पड़ेगी.....................
घर का हर कोना स्तब्दध रह जाएगा,
दरों- दीवारों को भी उसके आने का पता चल जाएगा,
हवा को आभास होगा कि वो सारा घर साफ कर दें,
और इंसान सोचेगा कि वो दिया जलाए और सारा घर जग-मग कर दें..............
लम्बी बात नहीं, गहरी बात होगी,
समय को पर लग जायेंगे,
ना जाने ऐ कैसी मुलाकात होगी,
वो जब पूछेगा क्या चाहते हो,
हमारी जवाब होगा,
वही जो आप चाहते हो.