कम अंक आने पर माता-पिता,सम्बंधी, समाज अधिकांशतः बच्चों को अयोग्य मानने लगे हैं,कम प्रतिशत वाले बच्चों को हीन भावना उपेक्षा से देखा जाने लगा है।माता-पिता, सम्बंधी अपना अंक प्रतिशत आज के बच्चों से मिला लें अधिकाँश का तुलनात्मक रूप से बहुत कम होगा, तो क्या पिछ्ली पीढ़ी अयोग्य थी।।
-Aromatic Saurabh