मिले.....कमल भंसाली
मन को मीत मिले, साँसों को संगीत मिले
प्यार को शब्द मिले, होठों को गीत मिले
मिलन को बाहें मिले, विरह को चाहत मिले
खुशियों को फूल मिले, दर्द को राहत मिले
दोस्त को दोस्ती मिले, दुश्मन को क्षमा मिले
परिश्रम को मंजिल मिले, आलस को त्याग मिले
सेवा को मेवा मिले, अत्यचारी को पश्चाताप मिले
अहिंसा को साहस मिले, हिंसा को अभिशाप मिले
आँचल को ममत्व मिले, स्नेह को पुष्पहार मिले
कली को संस्कार मिले, फूलों को त्योहार मिले
आदर्शो को साथ मिले, अनुशासन को उपहार मिले
शब्दों को संदेश मिले, नव-सृजन को सिंगार मिले
नारी को सम्मान मिले, नर को ज्ञान मिले
देश को भक्ति मिले, सँसार को विज्ञान मिले
व्यापार को लाभ मिले, बचत को धन मिले
कुछ को कुछ न मिले, पर सब को ईश्वर मिले
✍️ कमल भंसाली