मैं प्रसन्न हूँ,
कोई मुझसे नफरत तो करता हैं,
बुराई करता है तो क्या हुआ,
वो याद तो करता हैं,
कौन कहेता हैं,
कि नेचर और सिग्नेचर,
कभी बदलते नही,
बस एक चोट की जरूरत है,
अगर ऊँगली पर लगी तो,
सिग्नेचर बदल जायेगा,
और दील पर लगी तो,
नेचर बदल जायेगा।
-Daxa Bhati