विश्व जनसंख्या दिवस पर एक लघु कविता -
आओ हम सब हैं भाई भाई
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
आबादी पर कसना है लगाम
धरती माँ का सुन लो पैगाम
सबके लिए खाना जुटाना नहीं रहा आसान
तुम अपना फ़र्ज़ निभाओ बन के नेक इंसान
अगर बनाना है तुम्हें सपनों का हिंदुस्तान
आबादी के प्रति हो जाओ ज्यादा सावधान
सब मिल कर कहें जय जवान जय किसान .