चाह नहीं मैं बनूँ डॉक्टर,मरीजों से पीटा जाऊँ...
चाह नहीं मैँ बनूँ,आई ए एस,स्केमों में लपेटा जाऊँ..
चाह नहीं मैं बनूँ मास्टर,हरेक डयूटी करता जाऊँ...
चाह नहीं मैं बनूँ इंजीनियर,सर सर कहता जाऊँ...
मुझे बना कर एक विधायक,उस होटल में तुम देना
फेंक,सूटकेस में ऑफर लेकर,नेता आयें,जहाँ अनेक!
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-आशा झा Sakhi