प्रिय विनोद जी
बोलने में मधुर और कर्म प्रिय है,
विनोदी इनका स्वभाव है।
सबके प्रिय जल्दी बन जाते है,
क्योंकि ईमानदारी इनका भाव है।।
गलत को गलत हमेशा कहने की,
हिम्मत सदैव ही दिखाते हैं।
अच्छा हो या बुरा उनके हित में,
पर बोलने में वह नहीं सकुचाते है।।
उनकी इसी सच्चाई अच्छाई पर,
दोस्त कई सारे बन जाते है।
सत्य के पथ पर भगवान भी साथ है,
यही कथन हँसकर बोल जाते है।।
उनके इसी सरल स्वभाव के कारण,
माता पिता ने विनोद नाम रखा है।
अपने नाम के अनुसार ही,
अपने माता पिता का मान रखा है।।
मिलें खुशियां उनको ढेर सारी,
यही ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।
गम उन्हें कोई छू भी न पाएं,
यही दिन रात दुआ करते हैं।।
स्वस्थ्य खुशहाल जीवन हो उनका,
कुदृष्टि उन्हें किसी की लग न पाएं।
हंसते रहे और हंसाते रहे सभी को,
आयु उनकी दीर्घायु हो जाएं।।
जन्मदिन के इस अवसर पर,
क्या दूं उनको मैं उपहार।
जीवनभर ये साथ रहे हमारा,
यही कहती हूं मैं उन्हें पुकार।।
स्वस्थ्य तन और मन से,
चलता रहे यह घर संसार।
साथ कभी न छूटे हम दोनों का,
चाहें आ जाएं मन में कितने भी विकार।।
आयु बढ़ती रहे हर साल पर,
बचपना कभी न खोना आप।
इसी प्यार और बचपनें में,
हम दोनों जीवन गुजारेंगे साथ।।
जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं,
देती हूं मैं दिल से आज।
पावन दिन ये हर साल आएं,
दिल से करती हूं ईश्वर का आभार।।
किरन विनोद झा
-किरन झा मिश्री