प्रिय पापा है मेरे साथ
ये अभिमान है मेरे साथ
पापा का ये गुरुर है तो जीवन है सरल
एक छाव सा साया है मेरे ऊपर
हर छोटी बड़ी उलजनो की ढाल है
कठोर परिश्रम सिख है पापा की
तो संवेदना से भरा दिल की सिख है मां की
अभी से करो सम्मान ये अनमोल रिश्ते की
कही देर ना हो जाए और पछतावा मिले
-Shree...Ripal Vyas