My Spiritual Poem...!!!
यार आप हक़ से एक रिश्ते
में प्यार से टिकते क्यूॅ नहीं हो
अगर इतने ही सस्ते हो तो
फिर जल्द से बिकते क्यूॅ नहीं हो
वफा प्यार अदब तहज़ीब
सलिका शान यह सब ढोंग क्यूॅ
दरअसल आप जैसे हो वैसे
ही सब को दिखते क्यूॅ नहीं हो
बाहर कुछ अंदर कुछ जबाॅ
पर कुछ दिलो-दिमाग मे कुछ
हकीकत मे दरअसल जैसे
हो वैसे ही दिखते कयूॅ नही हो
अदा-औ-अमल की कसौटी
पार प्यार से करते क्युॅ नही हो
दुनियावी खोखले दिखावे को
बलि पर दिल से चडाते क्यूॅ नही हो
रस्म-औ-रिवाजो के गुलाम बन
प्रभुजी से सच में ङरते कयूॅ नही हो
जान जाए तो जाए पर प्रभुजी
की परवाह शान से करते कयूॅ ..??
-Rooh The Spiritual Power