दिन की शुरुआत तुम्हारे बिना नही होती...
हर काम के साथ तुम्हारा ख़्याल आता है...
ख़ामोशी में हल्का सा मुस्कुरा जाते है...
दिल की हर धड़कन तुम्हारा नाम लेती है...
चलते चलते रुक सा जाते है...
अकेले में भी तुमसे गुफ़्तगू होती है...
और तुम्हें लगता है कि हम तुमसे प्यार नही करते...
तो शायद... हम तुम्हारे क़ाबिल ही नही है....
-स्मृति