🌹🌹माँ🌹🌹
माँ के लिए क्या लिखूं मैं,
माँ समस्त ज्ञान का भण्डार है।
माँ से ही तो उतपन्न हुई हूँ,
माँ ही मेरा सारा संसार हैं।।
कभी नर्म तो कभी गर्म होकर,
माँ हालातों को संभालती हैं।
परिस्थितियां चाहे कैसी भी हो,
माँ हिम्मत कभी नहीं हारती हैं।।
माँ के ऊपर लिखने के लिए,
शब्द भी शायद कम पड़ जायेंगे।
माँ की हर एक भावनाओं को हम,
शब्दों में व्यक्त नहीं कर पायेंगे।।
🙏🏼🌹किरन झा 🌹🙏🏼
-किरन झा मिश्री