विषय - माँ
दिनांक -04/05/2022
माँ का स्थान सबसे ऊपर होता है,
उस जगह को कोई पा नहीं सकता है।
बसती है माँ तो सदैव ह्रदय में,
वहाँ तक कोई भी जा नहीं सकता है।।
माँ ममता की मूरत होती है,
सब पर स्नेह वो अपना लुटाती है।
नहीं करती किसी बच्चे में भेदभाव,
बराबर का प्यार वो दिखाती है।।
हो निराश कभी किसी का मन तो,
आशा की राह माँ बन जाती है।
गलत रास्ते पर अगर कोई जाये तो,
सही मार्ग को वह दर्शाती है।।
जीवन की हर कामयाबी पर,
माँ का आशीर्वाद बना होता है।
जो रखा रहे सिर पर माँ का हाथ,
जीवन सफल सदैव उसका होता है।।
जब भी कोई कष्ट होता हैं,
तो माँ अपने आँचल में समा लेती।
गोद में माँ के सिर रखकर तो,
सारी परेशानियाँ झट से मिट जाती।।
माँ भी ईश्वर का एक अंश है,
जो सृष्टि को आगे है बढ़ाती।
ईश्वर के बाद दूसरा स्वरूप तो,
केवल माँ और माँ ही कहलाती।।
किरन झा (मिश्री)
ग्वालियर मध्यप्रदेश
-किरन झा मिश्री