किस बात का अभिमान साधो ....
क्यों तू भरमाया डोले , जैसे तू एक मिट्टी का माधो
क्या जग में तू लेकर आया , क्या कुछ लेकर तू जाएगा
सब यहीं धरा रह जाएगा, बस तेरा कर्म ही साथ जाएगा
कर सके तो नेकी कर ले , इस जीवन को सुख से भर ले,
चार दिन की ज़िंदगानी ये , थोड़े - से पल सुकून के जी लेता