विषय- पिता
दिनांक-12/04/2022
पिता ही अपने परिवार की,
एक मजबूत नींव होता है।
पूरे परिवार को जोड़े रखने की,
हमेशा ही सीख देता है।।
पिता एक दरख्त होता है,
जिससे सारी डालियाँ जुड़ी होती है।
पिता के मजबूत कंधों पर तो,
घर की पूरी जिम्मेदारी होती है।।
पिता है तो दुनियाँ के सारे खिलौने,
अपने ही लगते है।
पिता से ही जीवन में सारे सपने,
सच होने के सपने सजते है।।
नहीं भय लगता जमाने से,
पिता का जब हाथ होता हैं।
एक लड़की जमाने से लड़ सकती है,
पिता का जब साथ होता हैं।।
हर एक छोटी-बड़ी जरूरतों का,
एक पिता ही ख्याल रखता है।
घर में न हो कभी भी कोई कमी,
इस लिये जी तोड़ मेहनत करता है।।
अपनी जरूरतों को अनदेखा कर,
पहले अपने परिवार के बारे में सोचता है।
खुद फ़टे कपड़े और चप्पल पहनकर,
अपने परिवार को टिप-टॉप से रखता है।।
अपनी जरूरतों को रोककर एक पिता,
कुछ पैंसों को वह बचाता है।
अपने बच्चों को स्कूल बस में भेजकर,
खुद वो तो पैदल ही जाता हैं।।
न उठे किसी के भी सिर से,
कभी भी एक पिता का साया।
घर से जब भी निकलें पिताजी,
यही बोले हमेशा कि मैं अभी लौटके आया।।
किरन झा (मिश्री)
ग्वालियर मध्यप्रदेश
-किरन झा मिश्री