तुमसे शिकायत क्या करुँ?शिकायत कैसी? तुम खुश हो किसी मे तुम्हारी खुशी मे खुशी ढूँढने की कोशिश , है मगर मुश्किल ! कार्य मगर ! दुश्कर नही|
तुम्हे पहले जैसे ही हृदय के कोने मे छुपाकर बाते करती हूँ| छोड़ने की कोशिश उस जगह को जहाँ अब मेरी जरुरत नही रही|
"तुम्हे किनारा मिला,
मेरा डूबना ही सही |"
-Ruchi Dixit