*दोहा सृजन हेतु शब्द--*
*फसल, कंचन, खेत, माटी, खलिहान*
1 फसल
फसल पक रही खेत में, ताके-खड़ा किसान।
रखवाली दिन-रात की, कटे-रखें खलिहान।।
2 कंचन
कंचन दाने देखकर,खुशी कृषक परिवार।
उचित दाम जब है मिले, जीवन बेड़ा पार।।
3 खेत
लहराती हर खेत में, उम्मीदों की आस।
स्वर्णमयी बालें हुईं, खुशियाँ आईं पास।।
4 माटी
माटी जग अनमोल है, माटी का ही खेल।
माटी से उपजे फसल, वही कराती मेल।।
5 खलिहान
खुश होते खलिहान हैं, बढ़ती पैदावार।
अपने अंक समेटकर, रखता है भंडार।।
मनोजकुमार शुक्ल मनोज
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