नारी तेरी यही कहानी आंचल में है दुध आँखों में है पानी, पर ये तो हुई बात पुरानी बदला समय है बदली नारी,शिक्षा में वह अव्वल आए आसमाँ में उड़ती है, भारत के निर्माण कार्य में साँस बनकर बहती है, जात पात तो पीछे रह गयी अब हो गए है सब समान, नारी जो पहले पिछड़ी थी अब पाती सबसे सम्मान, नीव बनी है घर की बेटी भ्रुण हत्या हम क्यों कराए,जिसको बेटी नहीं अपनानी वो जाकर अपनी भैस चराय ...
-Shalini Gautam