सोचती हूँ कि दूँ
तुझको उपहार क्या।
तेरे काबिल जमाने मे
कुछ भी नही।।
तेरी चुनरी से मै टाँक दूँ चाँद को
इससे बेहतर मेरे पास कुछ भी नही।
तुझको खुशियाँ मिले सिन्धु की धारा सी
जिसमे गम की कही कोई छाया न हो।।
तेरे होठो पे झिलमिल खुशी यूँ रहे
जैसे बिखरे सितारे है आसमान मे ।
तेरी लम्बी उमर हो
दुआ है मेरी
तू यूँ महके
कलि जैसे बागवां मे।।
सोचती हूँ कि दूँ
तुझको उपहार क्या।
विद्यालय की प्रधानाचार्या महोदया को जन्मदिवस की शुभकामनाये चन्द पंक्तियो के माध्यम से
-Meera Singh