अंखियों के झरोखे से।
अंखियों के झरोखे से निहारते हुए
वक्त यूं गुज़र गया कि पता नहीं चला।
होश में आए तो पाया कि स्वप्न
सुंदरी का काफिला संयत गया ।
अब कैसे खुद को संयत करें यही
सवाल जेहन में बार बार उठ रहा था।
मन का क्या करें हम मन तो स्वप्न
सुंदरी का राग अलापने में लगा हुआ
था। । वाकई अंखियों के झरोखे से
निरंतर देखने का नतीजा अब सामने
आना चाह रहा था।
दिल तो दीवाना है जी वो कहां मानने
वाला है अब खुशी के गीत गाना चाह
रहा था।
अंखियों के झरोखे से निहारने की
बात अब जीवन की अमूल्य निधि
बन चुकी थी।
जाने अंजाने दिल में बसा कर अपने
प्रिय को जीवन की कुंजी सौंप
चुकी थी।
मां शारदे मां शारदे।
वर दे वर दे मां शारदे।
विद्या का वरदान दे मां शारदे।
विद्या विभूति से विभूषित कर दे मां शारदे।
विद्या में संस्कार हो मां शारदे।
विद्या में सुधार हो मां शारदे।
विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां शारदे।
कोटि कोटि प्रणाम मां शारदे।
-Anita Sinha