तेरे लिए एक गीत बुन रहा हुँ मैं
सारे जहाँ का संगीत बुन रहा हुँ मैं
तेरे ही हुस्न की तारीफ लिख रहा हुँ मैं तेरे ही हुस्न की तारीफ लिख रहा हुँ मैं
जग से मिला जुला संगीत लिख रहा हुँ मैं
तेरे मन की कोमलता का रूप लिख रहा हुँ मैं
तेरे मन की कोमलता का रूप लिख रहा हुँ मैं
सारे जहाँ का संगीत बुन रहा हुँ मैं
तेरी इस मुस्कान पर गजल लिख रहा हुँ मैं तेरी इस मुस्कान पर गजल लिख रहा हुँ मैं सात जन्मों को तेरे साथ लिख रहा हुँ मैं
तेरे लबों की मादकता का जाम बुन रहा हुँ मैं
तेरे लबों की मादकता का जाम बुन रहा हुँ मैं
सारे जहाँ का संगीत लिख रहा हु मैं सारे जहाँ का संगीत लिख रहा हुँ मैं
-BD Vaishnav