है नारी ही,जिसे हर तबके का ख्याल रहता है,...
हो गांव या फिर हो शहर कोई भी।
हर घर की उम्दा मिसाल है वो....
हाँ! माना की जल्दबाजी है थोड़ी-बहुत।
नजरिया हर शख्स के लिए खास है उसका,
उपयोग करते उनका भरपूर खुद को आबाद करते हैं,
निजी स्वार्थ में कुछ लोग उनको बर्बाद करते हैं।
हर जुल्म सहती है,चुपचाप रहकर,
ममता की मूरत,कोसती है खुद को।
बेबसी कैसी?है लाचारी ये किसकी?
आई जीवन में इनके दुश्वारी ये कैसी?
भरी जहां की झोलियां,समता से जिसने..
किया बेजार,सुन्दर प्रकृति को किसने?
बसा मन में ये एक ही सवाल रहता है....।
#जिंदगी_का_सच
#नारीशक्ति
#एकसवालहै
#नारी_हूं_मैं
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन