HAPPY WOMEN'S DAY
अग्निपथ, अग्निपथ,अग्निपथ
स्त्री का जीवन है अग्निपथ
हर कदम पे है उसकी एक अग्निपरीक्षा
फिर भी वो हमेशा मुस्कुराती
अपने दर्द को जाने कहाँ दफ़नाती
जैसा सांचा मिला , उसी में ढल जाती
कभी मोम बनकर पिघलती
तो कभी दिए की जोत बनकर जलती
कर देती है रोशन घर की बगिया
खुद की ही साख बचाने को हर बार खुद से लड़ती
साहस , त्याग, दया ममता की प्रतीक हो तुम
दुर्गा हो तुम, लक्ष्मी हो तुम
सरस्वती हो सीता हो तुम
आँधी हो तूफान घिरा हो, पथ पर कभी नहीं रूकती
जीवन की हर अग्निपरीक्षा
मुस्कुराते करती है पार
मैं नारी हूं है गर्व मुझे खुद पर
-ख्बती Liba