बेचैनी पल पल बस बढती जाए,
आ जाओ तुम तो करार आए।
सजाये सपने नैनो मे कही
बस तेरा ही तो , रास्ता हम निहारे ।
हर अाहट पर पागल दिल ये
सोचे की आप आए।
हर टूटती हुई उम्मीद आखरी हो,
ये सोचते हुए हम जीते चले आए।
हर शाम हर सुबह, रात और दिन,
बस आपकी ही तो याद हमें तड़पाए।
अब ये आलम तनहाई का ,
सहा ना जाए। सहा ना जाए।
जहा देखूं , बस आपकी ही तो ,
धुंधलिसी तस्वीर नजर आए।
ये जुदाई सहते सहते ,
कहीं मेरी जान ना चली जाए ,
ये सोचकर दिल मेरा घबराए।
इस तरह हम टुटके बिखरने से पहले,
आइए और हमारा सहारा बन जाइए।
✒️®Vएल©™