फिर आया एक बार womensday,
फिर होगी मज़ाक औरतों की एक बार।
मनाया जाएगा womensday हर जगह,
पाएंगी स्नमान औरतें एक दिन,
फिर भूल जाएगी दुनिया की
किया था सम्मान इसी औरत का,
जब था womensday।
कुचले जाएंगे फिर से उसके अरमान,
बन जाएगी फिर से वह लाचार।
क्यों ये दिखावा औरतके सम्मान का?
क्या औरत सिर्फ एक ही दिन लायक है
सम्मान के?
माता का रूप है औरत,
मिलना चाहिए सम्मान हररोज।
#WomensDay