तेरे दीदार के बिना अब रहना मुश्किल लगता है
लखनऊ की गलियों में अब जीना मुश्किल लगता है
वो दौर और था जब हम भी पिया करते थे तेरे हाथो में हाथ लेके बड़े शान से जिया करते थे अब वो दौर कहाँ है
मेरे हाथो में तेरा हाथ कहाँ है
जीने को तो सदिया जी ले
मेरे जीवन की अब वो डोर कहाँ है तू छोड़ गयी है जबसे मुझे
इस जीने में अब वो बात कहाँ है
-BD Vaishnav