विषय-ईश्वर,प्रभु
हे ईश्वर मेरी विनती सुन लेना,
उनके सारे कष्टों को हर लेना।
अगर दुख लिखा है उनके जीवन में,
तो उनके दुखों का अंत कर देना।।
दुःख-सुख तो जीवन के दो पहलू,
ये तो सृष्टि का विधान है।
मेरे सुख को उनको देकर,
करना तुम उनके दुखों का निदान है।।
उनके भाग्य के गमगीन पलों को,
हँसी-खुशी में परिवर्तित कर देना।
ये मेरा आपसे हाथ जोड़ निवेदन है,
बस इतनी सी मेरी अर्जी सुन लेना।।
प्रभु तुम्हारा न्याय तो हरदम ही,
कर्मो के अनुसार ही फल देता है।
पर तुम उनको कष्ट नहीं दोगे,
यह तो मेरा ये दिल कहता है।।
वह है एकदम सीधे-सादे इंसान,
नहीं किसी का कभी बुरा किया है।
सत्य पथ पर हमेशा चलकर ही,
हमेशा दूसरों का भला किया है।।
कितने ही दुष्ट लोगों ने तो,
उन पर कुदृष्टि लगाई है।
उन पर कभी भी विपत्ति न आये,
ये आस प्रभु आपसे लगाई है।।
उनकी अच्छाई और सच्चाई पर,
कभी भी न उँगली उठने देना है।
मेरा हाथ जोड़ और सिर झुकाकर,
बस तुमसे इतना ही कहना है।।
अगर विपत्ति कभी उन पर आये तो,
मुझे उनकी तलवार बना देना।
उन पर उठने वाले हर प्रहार की,
प्रभु तुम ढाल मुझे बना लेना।।
किरन झा (मिश्री)
ग्वालियर मध्यप्रदेश
-किरन झा मिश्री