ज़िद करू या जिद में मरती राहू
मेरी कुर्वत से उठा दे कोई
लोट आए जो जाते जाते मुझे ऐसा टोना सीखा दे कोई
मेरी मन्नत भी फीकी पड़ी
उसे मेरा बना दे कोई
कब तक मगर कब तक
ही सही
बस उसी राह में दफना दे कोई
मेरी siddat कब से प्यासी है
मुझे चल कर उससे मिला दे कोई
-@njali