प्यार...अगर सच्चा हो, जीवन हर पहलूँ में अपने होने का बोध कराता है। यही जीवन और प्रेम का वास्तिवक अस्तित्व है।आज के दिन शुरु हुआ ये 46साल का सफर "शायर"के साथ ऐसा ही रहा। उपहार स्वरुप ये चंद पंक्तिया आत्मा से बनकर उभरी। आपके माध्यम से समर्पित कर रहा।
लिखी होगी हजारों दास्ताँ, प्यार की किताबों में
हमारा प्रेम तो बिखरा, दिल के गुलाबी पन्नों में
साथ तुम्हारा रहा ऐसा, जिंदगी बीती मुस्कानों में
चाँदनी भी तरस रही होगी, ऐसे प्यार को ख्यालों में
चले थे जीवन की राह पर, किसी मोड़ पे मिल के
विश्वास के आंचल में खिले थे, फूल मोहब्बत के
शिकवा नहीं कर, मुस्कराती तुम्हारी पायल छनके
सहज संयमित मनमीत, आओं गीत गाये मिलन के
कल हम हो न हो, राहें प्यार की सदा गुलजार रहे
साथी जो बने, हम जन्मों के बंधन में योंही बने रहे
जो नहीं पाया, उसका मन मे कोई अवसाद न रहे
तेरी बाँहों के घेरे में, बचा जीवन योंही आबाद रहे
✍️ कमल भंसाली