[ विषय-जिन्दगी ]
ये ज़िन्दगी तेरा शुक्रिया,
ये ज़िन्दगी तुझे सलाम ।
जब हवा का रूख बदले,
जब रास्ता कठिन हो जाय,
जब अंधेरा छा जाय,
तब तुने ही रोशनी बिखेरी हैं,
ये ज़िन्दगी तेरा शुक्रिया।
जब जब बादल छाए,
जब-जब दिल घबराएं,
जब-जब मन बैचेन हो जाएं,
तु मुझे राह दिखाएं,
ये ज़िन्दगी तेरा शुक्रिया।
स्वरचित- डॉ दमयंती भट्ट।