" तेरी यादें हैं
हवाओं जैसी
जो ना आए दिल तक
मैं मर जाऊं।
तेरा इश्क़ है
धड़कनों जैसा
जो ना मिले
बेजान हो जाऊं,
मिल जाऊं सुकुन भरी
शाम सा तुझमें
खो जाऊं दिन भर की
थकान भूलाकर,
लिपटी रहूं अरमानों
के धागों सा तुझमें
मुस्कुराऊं तारों सी
झिलमिलाकर।
-Jhilmil Sitara