"आया नही जाने की जिद है, है याद कैसी भुलाने की जिद है , मिलने को है संसार सारा भला क्या करेगा तू झूठा पसारा | निशानी नही निशां भी नही , सुना जो सके वो कहानी नही , है जख़्म रिसते रिसते रहेगें , न है आगे होगी शिकायत कभी अब , अब धीरे -धीरे ही मिटते रहेगें |"
-Ruchi Dixit