वो जो जज्बात है
कुछ इस तरह से उमड़ पड़े हैं अब
जिन्हें बोलूं तो वो रूठ जाए
पर मैं चुप रहूं तो वह न समझ पाए
मैं कह दूं तो भी क्या होगा उसे यकीन Bindu Anurag
क्योंकि कभी-कभी मेरी चुप्पी में भी वह समझ जाए
वो जो जज्बात है
उन्हें मैं क्यों किसी और से शेयर करूं
मेरे सीने में ही दफन रह जाए ऐसी में कोशिश करूं
क्योंकि हर कोई यहां दर्दे दिल नहीं जानता
मगर सीने में दफन करने से एक सुकून आ जाए
15/12/21
04:14 AM
-Bindu _Anurag