मैं और मेरे अह्सास
हर इंसान को ख़ुद का आसमाँ चाहिएं l
दुसरों को सुकूं देकर खुद सुकूं पाईऐ ll
कुछ ना कुछ तो लोग कहते रहेगे तो l
चैन दिल का पाने केलिए गम खाईए ll
सुनकर बात दुनिया वालो की आज l
पहाड़ जैसा बड़ा सा सितम न ढ़ाईए ll
बहोत गहरा प्रभाव पड़ा है वजूद पर l
आज जिंदगी मे बासंती बहार लाईए ll
लोगों ने कसके ताने दिए हैं उम्रभर l
प्यार की बरसात हो वहाँ ही जाईए ll
१२-१२-२०२१
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह