ठहरा कुछ भी नहीं,पल-दो-पलों से ज्यादा यहां....
कह न पाये कई कभी,सुन न पाया जहां।
यूँ तो आतें है राहों में मंञ्जर कई,
इक जाने को है, एक आने को है।।
क्रमशः....✍️
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#सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Song by सनातनी_जितेंद्र मन : 111769633

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