On the Saddest incident of the death of
Our heros....... 💐💐
समजो ना इसे हादसा ये कुछ नहीं साजिश है,
आफत नहीं ये देश पे वो बुझदीलों का तीर है।
दिमक भरी जो देश में उसी की एक चाल है,
जमीं पे बीछाइ गइ ये दुश्मनों की जाल है।
माहिर थे उडान में उसीकी चली जान है,
मिट्टी पे जो कुर्बान थे मिट्टी पे गीरे आज है।
ये फैंसले खुदा के मेरे कीतने बेरहेम हैं?
वतन पे लूटते हैं और मरते भी बेमौत है।
कफन भी उस शरीर को पूरा कहां नसीब है,
आह भी भरी तो उसके कोइ ना करीब थे।
सलाम उन शहिद को जो अंत तक शरीक थे,
सलाम सीडीएस को जो शख्सियत अजीब थे।
सलाम उन सभी को जो मौत के करीब थे,
सलाम इस जमीं को जो वीरों से अमिर है।
जगाओ अपने आप को वो अपना ही झमिर है,
भगाओ ऐसे लोग को जो लोग शत्रु से अधिक हैं।
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-नीतिन शाह (भीतर...)