बेटी विदाई गीत
तोरा का दियो ऐ बेटी
कि अंचरा भरि भरि
ले ले जा अशीषिया ना ।
चली दिहली बेटी आज भ गईली पराई ना।
अंखियां से बहतावे
लोर
अहे बेटी कि
तोहर विदाई भईल
भोर ।
कि या हो रामा अब त
पनिया पिलाव मोरे बेटा
कि बहिनी चलली
ससुरारि ना।
भाई रोवे जनवासे में।
माई रोवे रहिया में।
बाबूजी त निहार तारन
खाली अंगनवा ना।
कि बेटी भईली
आज पराई ना।
का दिहि तोरा ऐ बेटी
कि जियरा त भईल
जाता आकुल ।
ले ले जा बांध के अंचरा
में खोंयचा कि
होखता अबेर आऊर
मन में नाहिं सुकून ।
कि कैसे रहि अंजान
जगहिया हे राम
। जवांई दे तारन संतोख
कि दू दिन बाद लिया
चलब माई बाबूजी से
मिला देहब ना।
होते भिनसार वीडियो काल पर सबसे भेंट कर लिह ना।
अब रोईह ज ना।
तब त मन में होखि न
सुकून।
अतना कहते रोवे
लगली दुल्हनिया कि या हो रामा बेटी त भईली
पराई ना।
तोरा का दियो ऐ बेटी ले ले जा अंचरा भरि भरि अशीषिया ना।
देवता पूजब पितर पूजब
रहि सब सकुशल मंगल कुले परिवारे ना।
-Anita Sinha