ऐ मेरे मालिक तूने दुनिया तो बेहतरीन बनाई ।
धरती पर ही स्वर्ग और नरक को दर्शाई।
बता मेरे मालिक कौन सी कमी और रह गई ।
जो दुनिया में लोगों ने उल्टी गंगा बहाई ।
मुझे तो ये बात समझ में नहीं आई।
दुनिया बनाने वाले क्या खूब दुनिया तूने बनाई।
चांद तारों से भरे गगन बनाए।
रौशनी के लिए आफताब बनाये।
फिर क्यों मानव भटक रहे हैं।
ढूंढने चले हैं खुशियों को जो खुद है उनके दामन में समाई।
जाग मानव जाग अब
हो ना जाए कहीं देरी।
फिर आ रहे हैं महामारी
कोरोना की सहचरी ।
कर ले मानव जप तप साधना।
दूर होगी तेरी मनोवासना
स्वप्न लोक के सुनहरे सपने छोड़ और भाव कर गहरे लगा ले ईश्वर से प्रार्थना ।
सफल होगी तेरी साधना।
जय श्री कृष्णा कोटि-कोटि प्रणाम।
-Anita Sinha