कही खो जाना है
अचानक से गुम हो जाना है
मिल न जाए पता किसी को
वहाँ जाके जी भर के साँस लेना है...
भूल जाने है दुनियाँ के रास्ते
युं ही सफर करते रहना है
तैरने की ख्वाहीश नही
बस समुंदर मे डूब जाना है...
नही उलझना आज और कल मे
बस हर पल खूल के जीना है
थक गया हूँ रोज की आपत्तीयोंसे
बस अब सुकूनभरी निंद सोना है...!
-मनमंजिरी