तू गया जो छोड़कर, सांस मानो रुक सी गयी ज़िन्दगी जैसे थम सी गयी।
लेकिन ये वक़्त जीना सिखा देता है, आगे कैसे बढ़ना है समझा देता है।
पीछे पलटकर ना देखूं ये तो मुमकिन नही लेकिन, तेरी यादों के वो पल रुला ही देता है।
अक्सर बातो में तेरा ज़िक्र आ ही जाता है, ना चाहूं तेरा नाम लेना, लेकिन ऐसा भला कहाँ हो पाता है।
जब कहा था तूने नही कर सकता मैं वादा जिंदगीभर साथ निभाने का, दिल मे जैसे कुछ टूट सा गया था।
लेकिन जानती थी तेरा पहला प्यार मैं नही इस वतन की मिट्टी है, जो मेरे प्रेम से भारी है।
चाहे बिताएं हैं कुछ ही पल साथ मे हमने लेकिन, ये जो यादें बनी है ना तेरी, सबसे न्यारी है।
-Jyoti Prajapati