हुकुमत की जंग में रिश्ते, नाते , सच्चाई, जुबाँ की कीमत कुछ भी नहीं होती । सिर्फ गद्दी हीं महत्त्वपूर्ण है। सिर्फ ताकत हीं काबिले गौर होती है। बादशाहत बहुत बड़ी कीमत की मांग करती है। जो अपने रिश्तों को कुर्बान करना जानता है , वो ही पूरी दुनिया पे हुकूमत कर पाता है । औरंगजेब, सिकन्दर, अशोक इत्यादि इसके अनेक उदाहरणों में से एक है । ये महज इत्तिफाक नहीं है कि पूरी दुनिया का मालिक अक्सर अकेला हीं होता है।कुमत की जंग में रिश्ते, नाते , सच्चाई, जुबाँ की कीमत कुछ भी नहीं होती । सिर्फ गद्दी हीं महत्त्वपूर्ण है। सिर्फ ताकत हीं काबिले गौर होती है। बादशाहत बहुत बड़ी कीमत की मांग करती है। जो अपने रिश्तों को कुर्बान करना जानता है , वो ही पूरी दुनिया पे हुकूमत कर पाता है । औरंगजेब, सिकन्दर, अशोक इत्यादि इसके अनेक उदाहरणों में से एक है । ये महज इत्तिफाक नहीं है कि पूरी दुनिया का मालिक अक्सर अकेला हीं होता है।