Hindi Quote in Poem by Umakant

Poem quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

राग रामकली

हौं इक नई बात सुनि आई ।
महरि जसौदा ढौटा जायौ, घर घर होति बधाई ॥

द्वारैं भीर गोप-गोपिनि की, महिमा बरनि न जाई ।
अति आनन्द होत गोकुल मैं, रतन भूमि सब छाई ॥

नाचत बृद्ध, तरुन अरु बालक, गोरस-कीच मचाई ।
सूरदास स्वामी सुख-सागर, सुंदर स्याम कन्हाई ॥


भावार्थ :-- (कोई गोपिका कहती है-) मैं एक नवीन समाचार सुन आयी हूँ--`व्रजरानी श्रीयशोदा जी के पुत्र उत्पन्न हुआ है, घर-घर में बधाई (मंगलगान) हो रही है । (व्रजराज के) द्वार पर गोप-गोपियों की भीड़ लगी है । आज के उनके महत्त्व का वर्णन नहीं हो सकता । गोकुल में अत्यन्त आनंद मनाया जा रहा है (वहाँ की ) सारी पृथ्वी रत्नों से ढक गयी है । सभी वृद्ध, तरुण और बालक नाच रहे हैं । (उन्होंने) गोरस (दूध, दही, माखन) का कीचड़ मचा रखा है ।'सूरदास जी कहते हैं कि मेरे स्वामी श्यामसुन्दर कन्हाई सुख के समुद्र हैं । (इनके गोकुल आने से वहाँ आनन्द-महोत्सव तो होगा ही ।)

Hindi Poem by Umakant : 111761005
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now