जीवन में इस बात पर हमेशा ध्यान दे...
ना कभी किसी से अत्यधिक प्रेम करें...
और ना ही ज्यादा नफ़रत...
क्योंकि ऐसा करने से आपकी स्वतंत्रता छीन जाती हैं...
यदि आप किसी से अधिक प्रेम करते हैं तो आप अपनी खुशी नहीं देखते सिर्फ़ उसी की खुशी के लिए जीने लगते हैं आपको लगता हैं कि ये आप अपनी इच्छा से करते हैं परंतु ऐसा नहीं हैं आप खुद को भूलकर उसी के हाथों कटपुतली बन जाते हैं ,प्रेम करना गलत नहीं , पर अपने आप को और अपनी स्वतंत्रता को किसी के हाथों में सौंप देना गलत हैं।
अब बात आती हैं नफ़रत की ,यदि आप किसी से किसी कारणवश नफ़रत करने लगते तो आप अपना सारा समय सिर्फ़ उससे बदला लेने ,हर तरह से दुख पहुंचाने के बारे में सोचते रहते है आपका दिमाग़ उसी के हिसाब से चलने लगता हैं वही मालिक बनके बैठ जाता है आपके दिमाग़ पर,
आप अपनी खुशी,अपने सपने, अपनी लाइफ, अपनी आज़ादी सब छोड़कर उनकी कैद में आ जाते हैं।
चाहें प्रेम हो या नफ़रत इतनी कीजिए की आपकी स्वतंत्रता भंग ना हों आपके मन और मस्तिष्क का मालिक आपके सिवा कोई और बनके ना बैठे....।
AP ....😊😊
ॐ नमः शिवाय 🙏🙏