मैं बंदा हूं बेरोजगार सा ,
कुछ समझ नहीं पाया हूं,
एग्जाम की तैयारी करू ,
या रद्द करने की सिफारिश करू,
रोज़ सुबह नए सपने लेकर,
उठता हूं मैं एक अरमान से,
परीक्षा चाहें कैसी हों,
रद्द करो या वापिस करो पर मेरा समय ना बर्बाद करो,
कभी लगाते हो याचिका तुम लोग,
कभी हड़ताल पे जाते हो,
किसकी गलती मैं निकालू,
हर तरफ़ से हारा हूं,
मैं बंदा हूं बेरोजगार सा ,
कुछ समझ नहीं पाया हूं,
_Kridha