My Meaningful Poem...!!!
हम तो दुश्मन को भी
सजा पाकिज़ा देते है......
कुछ कहते सुनते नहीं,
बस ...
नज़रों से गिरा देते है.......
खामोशी की कटार से
बिना छूए कत्लेआम करते है......
उनसे दूर रह कर भी हर वक़्त
खुशहाली की मनोकामना करते है....
ज्ञानी कहते है प्रभुजी ही तो
स्वय बिराजमान है हर जिस्म में...
उनके नजरिए से दुश्मन है जिस्मानी
ढाचा,हम तो सिर्फ प्रभु साक्षात देखते है
-Rooh The Spiritual Power