My Meaningful Poem...!!!
न धर्म न जाति देख बरसे
हर छत पर एक-सी बरसे बारिश
यारो बना देगी ज़मीं को
आज शायद आसमाँ बारिश
कि धोए जा रही हैं घर
कि सभी खिड़कियाँ बारिश
कही आशिक-माशुक की
अनकही-सी चाहत है बारिश
कही मजबूर फटी छत से
मजदूर का चैन खोती बारिश
कभी तो दर्दनाक अजाब है
कभी मृगजल इन्तज़ार बारिश
कभी हम जैसे शायरो का
मासूम जिंदादिल कलाम बारिश
कभी लिपट सिमट यार की
बाहो में समाने का सबब बारिश
तो कभी बिजली कङाको से
कातिल बेमौत मौतकी वजह बारिश
है रब की सब से अझीम नेअमत
तो कभी नामी-सूनामी लाती बारिश
-Rooh The Spiritual Power