यूँ तो हर नज़्म अजीज़ है हमें
पर दिल के करीब सिर्फ़ वह ही हैं
जिन्हें सिर्फ उनके लबों ने छुआ था
अनजाने में ही सही दिल में कुछ हुआ था
सादगी तिसनीदगी पाकिझगी ठहराव-सा धुऑ था
अनगिनत ख्यालो के समंदर पर सवार जहन-सा था
कश्ती एहसासो की तुफान में ओर एक भॅवर-सा कुछ था
आरझु तमन्ना ख्वाहिश सब नसतर,दामन चाक-चाक-सा था
इस बे-खयाली बेबसी में भी रब से कुछ जुङाव-सा था
नझम तो बेजुबान पर लफ्ज़ो को लबो से नाता-सा था......
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-Rooh The Spiritual Power